OBJECTIVE


राष्ट्रीय सम्मान-पुरस्कार 
1) फिल्म : नीलकमल (1968)
गीत : बाबुल की दुआएँ लेती जा

2) फिल्म : हम किसी से कम नहीं (1977)
गीत : क्या हुआ तेरा वादा

फिल्म फेयर अवॉर्ड 
1) चौहदवीं का चाँद (1960)
गीत : चौहदवीं का चाँद हो

2) ससुराल (1961)
गीत : तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को

3) दोस्ती
गीत : चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सबेरे

4) सूरज (1966)
गीत : बहारों फूल बरसाओ

5) ब्रह्मचारी (1968)
गीत : मैं गाऊँ तुम सो जाओ

6) हम किसी से कम नहीं (1977)
गीत : क्या हुआ तेरा वादा

संगीतकार जिनके लिए रफी ने 50 से अधिक गाने गाए 
1) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल : 173
2) शंकर-जयकिशन : 119
3) चित्रगुप्त : 100
4) कल्याणजी-आनंदजी : 93
5) रवि : 79
6) राहुल देव बर्मन : 73
7) मदन मोहन : 67
8) ओपी नय्यर : 55

गीतकार जिनके लिखे गीत रफी ने 100 से अधिक गाए 
1) मजरूह सुल्तानपुरी : 374
2) आनंद बक्षी : 369
3) राजिन्दर कृष्ण : 343
4) हसरत जयपुरी : 290
5) शकील बदायूनी : 235
6) साहिर लुधियानवी : 186
7) प्रेम धवन : 160
8) भरत व्यास : 151
9) कमर जलालाबादी : 143
10) शैलेन्द्र : 141
11) वर्मा मलिक : 107
ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं
-हीर-राँझा/1970/ कैफी आजमी/मदन मोहन

बाबूल की दुआएँ लेती जा,
जा तुझको सुखी संसार मिले
- नीलकमल/1968/साहिर/रवि

आई हैं बहारें मिटे जुल्मो-सितम
प्यार का जमाना आया दूर हुए गम
-राम और श्याम/1967/शकील/नौशाद

बहारों फूल बरसाओ, मेरा मेहबूब आया है
- सूरज/1966/हसरत/शंकर-जयकिशन

कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेखुदी में भी करार आता नहीं
-दिल दिया दर्द लिया/1966/शीकल/नौशाद

पुकारता चला हूँ मैं गली-गली बहार की
बस एक छाँव जुल्फ की, एक निगाह प्यार की
-मेरे सनम/1965/मजरुह/ओपी नय्यर

छू लेने दो नाजुक ओंठों को
कुछ और नहीं ये जाम है
-काजल/1965/साहिर/रवि

तेरे-मेरे सपने अब इक रंग हैं
जहाँ भी ले जाएँ राहें हम संग हैं
-गाइड/1965/शैलेन्द्र/सचिन देव बर्मन

ये मेरा प्रेमपत्र पढ़कर तुम नाराज ना होना
-संगम/1964/हसरत/शंकर-जयकिशन

हमीं से मुहब्बत, हमीं से लड़ाई
अरे मार डाल, दुहाई-दुहाई
-लीडर/1964/शकील/नौशाद

तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को
किसी की नजर न लगे, चश्मे बद्दूर
- सुसुराल/1961/हसरत/शंकर-जयकिशन

नैन लड़ जई हैं, तो मनवामा कसक होइबे करी
-गंगा-जमुना/1961/शकील/नौशाद

चाहे मुझे कोई जंगली कहे
कहने दो जी कहता रहे
-जंगली/1961/शैलेन्द्र/शंकर-जयकिशन

मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फिक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
-हम दोनों/1961/साहिर/जयदेव

मधुबन में राधिका नाचे रे
गिरधर की मुरलिया बाजे रे
-कोहिनूर/1960/शकील/नौशाद