माँ का गुणगान

माँ का गुणगान तो हम हमेशा करते हैँ ! पर बेचारे पिता ने क्या बिगाड़ा है संकट से मुक्ति का मार्ग वही तो बताता है !! 2- अगर माँ के पास आँसु का दरिया है ! तो पिता के पास संयम का अस्त्र है !! 3- हमेँ याद रहती है खाना बनाने वाली माँ ! पर उस खाने का इंतेजाम पिता ही तो करता है !! 4- देवकी और यशोदा का प्रेम मन मेँ रखिए ! पर टोकरी मेँ ले जाने वाले पिता को भी याद रखिए !! 5- पुत्र वियोग पर कौशल्या बहुत रोई थी ! तो दशरथ तो पुत्र वियोग मेँ स्वर्ग हि सिधार गए थे !! 6- समय पर माँ होमवर्क पुरा करवा देती है ! पर उधार लेकर डोनेशन देकर प्रवेश पिता ही दिलाता है !! 7- ससुराल को विदा होती है- बेटी तो माँ धाड़-धाड़ आँसु बहा रो देती है ! पर मेरी गुड़िया का पूरा खयाल रखना हाथ जोड़कर खुन के आँसु रोता पिता ही तो कहता है !! 8- पिता बचत कर कर के नई-नई जीन्स लाता है ! पर खुद तो पुरानी शर्ट-पेँट ही पहनता है !!